Page 157 - Magazine 2020
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ODYSSEY 2020



                              CONFLUENCE OF THOUGHTS






        किवता(मधुमास)


           Lojfpr

           वसुंधरा पर नवयौवन छाया मानो
            fiz;re  का साथ हो पाया
           पेड़ो ं न े भी पात िगराया
           चह ुँ ओर बसंती काया
           देखो! मधुमास आया
           मधुमास आया,

           मंद-मंद सा झोंका आया
           ख़्वािहशो ं को खुब नचाया
           फूलो ं न े मकरंद बनाया
           भंवरो ं न े गीत गुनगुनाया
           िततिलयो ं न े भी उधम मचाया
           देखो! मधुमास आया
           मधुमास आया,,,

           आमो ं म ें िबरव बौराया
           जब कोिकल न े राग सुनाया
           धरती न े पहना पीला चोला
           फसलो ं न े पाया xs:vk  गहना      ये कदम
           महुआ की महक न े मन बहकाया
           पलाश न े नारंगी izse  िदखाया    कभी न थकत े न :drs  कदम
           देखो! मधुमास आया
                                           सहर पहर साँझ क े साथी हरदम
           मधुमास आया
                                           कभी खुिशयो ं स े झूमत े य े कदम
           अंबर न े भी बाँहो ं का झूला फैलाया
                                           नाचत-े गात े भुल जात े हर गम
           धरती न े भी कुछ राग जताया
                                           कभी तुफा ं को लाँघत े कदम
           कुछ हम सब का मन भी g”kZk;k
                                           la?k”kZ  को बना देत े य े सरगम
           भूली िबसरी यादो ं का उपहार आया
                                           कभी LoIu  की खोज म ें कदम
           देखो! मधुमास आया
                                           बाधाओ ं क े बन जात े vfjane
           मधुमास आया
                                           कभी ifjJe  क े सानी कदम
                                           लहलहाती हँसी इनक े ही दम
                                           कभी िबछोह म ें O;kdqy  कदम                          Jhefr lqeu “kekZ
                                           vfo:)  बन राह ें अदम                                 ¼fgUnh f”kf{kdk½

                                           कभी लडखडात-े डगमगात े कदम
           Mrs.Pritisha Panse              उठत े सँभलत े न बनत े कर्दम
           [EVS Teacher]                   बस चलत े ही जात े कदम
                                           य े कदम………


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